आज के हालात में डॉप्लर रेडार की भूमिका काफी अहम रहेगी।
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मौसम वैज्ञानिक मौसम पूर्वानुमान में डॉप्लर रेडार का उपयोग भी करते है।
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डॉप्लर रेडार को देशभर में 15 स्थानों पर लगाया जा रहा है।
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डॉप्लर रेडार में डॉप्लर प्रभाव को आधार बनाकर हवा की गति मापी जाती है।
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26 जुलाई की बारिश के बाद इसरो ने मुंबई में डॉप्लर रेडार तैनात किए गए थे।
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डॉप्लर रेडार द्वारा न केवल बादलों में बनने वाली वर्षा और हिम बल्कि तूफान के अंदर की हवा को भी देखा जा सकता हैं।
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मौसम, जल तथा उड्डयन संबंधी विभिन्न आंकडे जो डॉप्लर रेडार द्वारा तैयार किये गये है वे तूफानों के केंद्र, उसकी गति, स्थिति और भविष्य में उसके रास्ते तथा विमानों एवं जहाजों की आवाजाही के सुरक्षित मार्ग के बारे में अनुमान लगाने, में काफी उपयोगी हैं।